- रसायन विज्ञान शोध में कम्प्यूटेशनल केमिस्ट्री की भूमिका महत्वपूर्ण: प्रो. निर्मला एस. मौर्य
- मॉलिक्युलर डॉकिंग कोरोना वायरस के शोध में महत्वपूर्ण: डा. सुबन साहू
रामनरेश प्रजापति
जौनपुर, 07 फरवरी। वीर बहादुर वीर बहादुर सिंह पूर्वांचल विश्वविद्यालय परिसर स्थित प्रोफेसर राजेंद्र सिंह (रज्जू भैया) भौतिकीय विज्ञान अध्ययन एवं शोध संस्थान के रसायन विज्ञान विभाग द्वारा मॉलिक्यूलर मॉडलिंग एवं कंप्यूटेशनल केमिस्ट्री विषय पर दो दिवसीय कार्यशाला का आयोजन हुआ।
उद्घाटन सत्र के मुख्य अतिथि इण्डियन एसोसियेशन फॉर द कल्टिवेशन ऑफ साइन्स कोलकाता के प्रो. आयन दत्ता के अपने व्याख्यान में परमाणु और अणुओं के मध्य बनने वाले रसायनिक बंध के बारे में विस्तार से प्रकाश डाला। साथ ही बताया कि वैज्ञानिक शोध ने भारत को फार्मेसी के दुनिया में भारत को स्थापित किया जिसके कारण आज भारत में औसत आयु लगभग 70 वर्ष हो चुकी है। प्रो. दत्ता ने हाइड्रोजन के बारे में चर्चा करते हुए बताया की आने वाले समय में यह ऊर्जा का प्रमुख स्रोत होगा।
उदघाटन सत्र की अध्यक्षता कर रहीं कुलपति प्रो. निर्मला एस. मौर्य ने कहा कि कंप्यूटेशनल केमिस्ट्री रसायन विज्ञान शोध में भूमिका महत्वपूर्ण निभा रहा है। इस तरह की कार्यशाला से शोधार्थियों को अपना शोध कार्य करने में मदद मिलेगी। कार्यशाला के दूसरे सत्र को संबोधित करते हुए राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान सूरत के डॉ सुबन साहू ने मॉलिक्युलर डॉकिंग और उनके अनुप्रयोग पर प्रकाश डालते हुये मॉलिक्युलर डॉकिंग का प्रशिक्षण विद्यार्थियों को दिया। साथ ही कोरोना वायरस के शोध में मॉलिक्युलर डॉकिंग की भूमिका पर चर्चा किया।
अतिथियों का स्वागत रसायन विभाग के विभागाध्यक्ष डॉ प्रमोद कुमार ने किया। कार्यशाला का विषय प्रवर्तन संयोजक डॉ अजीत सिंह ने किया। कार्यशाला का संचालन आयोजन सचिव नितेश जायसवाल ने किया। धन्यवाद ज्ञापन प्रो देवराज सिंह ने किया। इस अवसर पर प्रो. अशोक श्रीवास्तव, प्रो. मानस पांडेय, प्रो. मिथिलेश सिंह, प्रो. रजनीश भास्कर, डॉ प्रमोद यादव, डॉ. गिरिधर मिश्र, डॉ राजकुमार, डॉ मिथिलेश यादव, डॉ. दिनेश वर्मा, डॉ. श्रवण कुमार, डॉ. दीपक मौर्य, डॉ. सौरभ सिंह, शोधार्थी, बड़ी संख्या में छात्र—छात्राओं की उपस्थिति रही।
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