विधान सभा में मछलीशहर की सपा विधायक ने बेसिक शिक्षा राज्य मंत्री से पूछे सवाल
विधायक ने सरकार पर शिक्षकों को प्रताड़ित करने का लगाया आरोप
जौनपुर। विधानसभा में शीतकालीन सत्र में मछलीशहर की सपा विधायक डॉ. रागिनी सोनकर ने मंगलवार को बेसिक शिक्षा राज्य मंत्री से शिक्षकों और बच्चों के हितों के मुद्दों को लेकर सवाल पूछा। उन्होंने सिद्धार्थनगर में मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह योजना के लिए दुल्हनों को सजाने के लिए महिला टीचरों की ड्यूटी लगाने के फरमान जारी करने के मामले को लेकर सरकार की शिक्षा की गलत नीतियों पर जमकर निशाना साधा। विधायक ने शिक्षकों की नियुक्ति, बच्चों की शिक्षा और अन्य समस्याओं को लेकर सरकार पर हमला बोला। उन्होंने बच्चों की संख्या और शिक्षकों की नियुक्ति के लिए सरकार से जवाब मांगा।
सदन में मछलीशहर की सपा विधायक डॉ रागिनी सोनकर ने बेसिक शिक्षा राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) संदीप सिंह से सवाल पूछे। सदन में शिक्षकों और बच्चों को लेकर मुद्दा गरमाया रहा। विधायक डॉ रागिनी ने कहा कि सरकार ने परिषदीय विद्यालयों में छात्रों की संख्या कम होने पर विद्यालयों के विलय के नाम पर बंद कर दिया। आरोप लगाया कि सरकार ने ऐसा इसलिए किया कि जिससे पीडीए समाज के बच्चे पढ़ न सकें और आगे न बढ़ सकें। उन्होंने कहा कि विगत 9 वर्षों में छात्रों की संख्या बढ़ाने और शिक्षकों की नियुक्ति के लिए शिक्षा मंत्री ने कोई योजना नहीं बनाई और न ही इसका कोई जिक्र किया। उन्होंने कहा कि शिक्षकों और छात्र-छात्राओं के शारीरिक और मानसिक विकास के लिए सरकार ने कोई ठोस कदम नहीं उठाया। बताया कि मौजूदा सरकार में बच्चे और शिक्षक प्रताड़ित हो रहे हैं तो वह कैसे आगे बढ़ेंगे। उन्होंने कहा कि योगी सरकार में 9508 विद्यालय केवल एक ही शिक्षक के भरोसे चल रहे हैं। इसके अलावा कई विद्यालयों में केवल एक ही शिक्षामित्र हैं।
प्रदेश में इस समय 2 लाख शिक्षकों की कमी है, इस पर सरकार विचार कब करेगी। उन्होंने अलीगढ़ में शिक्षकों से कुत्तों की गणना करवाने पर सरकार पर भड़क उठीं। इसको लेकर उन्होंने सरकार को जमकर कोसा। कहा कि जिस गुरु को ब्रह्मा, विष्णु और शिव का दर्जा प्राप्त है उसी से भाजपा की प्रदेश सरकार कुत्तों की संख्या की गणना करवा रही है। डॉ रागिनी ने शिक्षकों द्वारा अनेकों कार्य करवाने पर बीएलओ, सर्वे, जनगणना और एमडीएम आदि को लेकर सवाल उठाया। उन्होंने कहा कि यह सरकार शिक्षकों का शारीरिक और मानसिक शोषण कर रही है। उन्होंने 10 साल से अंतर्जनपदीय स्थानांतरण न करने पर भी सरकार को घेरा। विधायक ने कहा कि 1.86 लाख शिक्षकों को टेट की बिना अनिवार्यता के नौकरी मिली अब उन्हें टेट की ही मार झेलनी पड़ रही है, इससे उन्हें मुक्ति कब मिलेगी। उन्होंने सरकार से सवाल पूछा कि एसआईआर के दौरान 35 बीएलओ ने आत्महत्या करके मौत को गले लगा लिया इसके लिए उनके परिवार के एक सदस्य को नौकरी और मुआवजा देने पर सरकार कब विचार करेगी।
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