सुजानगंज, जौनपुर। स्थानीय क्षेत्र के बाहरपुर निवासी शिवमूर्ति मिश्र (93) ने अपने पैतृक आवास बाहरपुर में अंतिम सांस ली। खबर सुनते ही क्षेत्र में शोक की लहर दौड़ गई। प्राप्त जानकारी के अनुसार शिवमूर्ति जी का सम्पूर्ण जीवन शिक्षा के प्रति ही समर्पित रहा। बताया जाता है कि लोगों को वे सदैव पढ़ने के लिए प्रेरित करते रहते थे। उनकी सोच रहती थी कि कोई भी व्यक्ति अशिक्षित न रहे।
यहां तक कि यदि कोई धन के आभाव में स्कूल जाकर पढ़ाई नहीं कर पाता था या फिर उच्च शिक्षा प्राप्त करने में यदि किसी छात्र को धन के अभाव में विद्या अध्ययन में दिक्कत होती थी तो वे सूचना पाते ही उसको धन की व्यवस्था कर उसकी शिक्षा जारी रहने का प्रयास करते थे।
उनकी इसी लगन तथा सेवा का ही परिणाम था कि 1970 में 29 वर्ष की उम्र में राजकीय इण्टर कालेज रायबरेली में बतौर शिक्षक नियुक्त हुये। तत्पश्चात वह उत्तर प्रदेश तथा वर्तमान के उत्तराखण्ड राज्य के विभिन्न जिलों में अपनी सेवाएं देते हुए वर्ष 1991 में 60 वर्ष की उम्र में राजकीय इण्टर कालेज सूफी नैनीताल से प्रधानाचार्य पद से सेवानिवृत्त हुये।
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