🔸साहस की मिसाल थे संस्थापक राम बुझारत सिंह:डॉ. रणजीत सिंह
🔸धूमधाम से मनाया गया संस्थापक का 84 वां जन्म दिवस
🔸शानदार सांस्कृतिक कार्यक्रमों की प्रस्तुति ने श्रोताओं व दर्शकों का जीता दिल
🔸विविध सांस्कृतिक कार्यक्रमों की उत्कृष्ट प्रस्तुति ने बिखेरा जलवा
रामनरेश प्रजापति
सुईथाकला/ शाहगंज। राम बुझारत सिंह इंटर कॉलेज गैरवाह के संस्थापक ,श्री गांधी स्मारक इंटर कॉलेज समोधपुर के पूर्व कृषि प्रवक्ता स्व.राम बुझारत सिंह की 84 वीं जयंती शुक्रवार को धूमधाम एवं हर्षोल्लास के साथ मनाई गई।कार्यक्रम के मुख्य अतिथि मशहूर सर्जन डा.एके सिंह ने स्व.संस्थापक की प्रतिमा पर माल्यार्पण करके श्रद्धा सुमन अर्पित किया।विद्यालय के छात्र-छात्राओं द्वारा विविध सांस्कृतिक कार्यक्रमों की शानदार प्रस्तुति की गई।मनमोहक कार्यक्रम की प्रस्तुति ने दर्शकों और श्रोताओं का दिल जीत लिया।दर्शकों ने तालियों की गड़गड़ाहट से छात्रों को प्रोत्साहित करते हुए कार्यक्रमों को सराहा ।मुख्य अतिथि ने कहा कि जीवन में सफल होने के लिए लक्ष्य का निर्धारण अति आवश्यक है।लक्ष्य को केंद्रित करके उसके अनुरूप कार्य करने पर सफलता अवश्य मिलेगी। मंजिल प्राप्त करने के लिए अपने अंदर निहित संपूर्ण शक्ति को लगा देना चाहिए।
भारत युवाओं का देश है।देश की युवा शक्ति दिग्भ्रमित न होकर लक्ष्य की दिशा में कार्य करे। देश के युवाओं के योगदान से भारत विश्व गुरु अवश्य बनेगा।स्वामी विवेकानंद जैसी स्मरण शक्ति वाले बनें क्योंकि वह असीमित ऊर्जा आपके अंदर मौजूद है।उस परम शक्ति को जगा कर तब तक आगे बढ़ते रहना चाहिए जब तक सपने साकार न हो जाएं। सफल होने के लिए अनुशासित होना सबसे महत्वपूर्ण है।विशिष्ट अतिथि राज्यपाल पुरस्कार से सम्मानित श्री गांधी स्मारक इंटर कॉलेज समोधपुर के पूर्व प्रधानाचार्य डॉ.रणजीत सिंह ने कहा कि प्रतिभाएं अक्सर ग्रामीण क्षेत्र से ही निकलती हैं। गांव की मिट्टी की सुगंध को पूरे देश में बिखेरने वाली आईएएस प्रतिभा वर्मा इसी गांव की हैं।उन्होंने प्रतिभा को सभी युवाओं के लिए प्रेरणा स्रोत बताया।उन्होंने संस्थापक को निडर, आदर्श शिक्षक एवं प्रबंधक, कर्तव्य परायण,गंभीर समस्या का समाधान,कभी हार न मानने वाला, अनुशासन प्रिय,संघर्षशील, संस्था के हितैषी,सरल और स्पष्ट वादी व्यक्तित्व बताया।
डॉ. सिंह ने कहा कि एक कुशल शिक्षक वही होता है जो अपने शिष्य को भलीभांति जानता और पहचानता हो । शिक्षकों से आह्वान किया कि छात्रों के अंदर अपने बच्चों का रूप देखकर शिक्षित करें। सफलता उसी को मिलती है जो संघर्ष और अभाव में भी जीवन जी सके। डॉ.वीरेंद्र सिंह ने संस्थापक को प्रतिभा के निर्माण का शिल्पी बताया।इंटर कॉलेज समोधपुर के अंग्रेजी प्रवक्ता विनय त्रिपाठी ने अपने संस्मरण साझा किये।जेपी सिंह ने भी अपने विचार प्रकट किये।आभार एवं धन्यवाद ज्ञापन प्रबंधक अखंड प्रताप सिंह ने किया। पूर्व प्रधानाचार्य दिवाकर सिंह ने कार्यक्रम के समापन की घोषणा की ।संचालन राजकुमार अग्रहरि ने किया।छात्रों ने हास्य नाटक के माध्यम से शिक्षित, इमानदार और योग्य जनप्रतिनिधि चुनने का संदेश दिया।
उत्कृष्ट परीक्षा परिणाम हासिल करने वाले मेधावियों को अतिथियों द्वारा सम्मानित किया गया ।इस अवसर पर त्रिभुवन सिंह,उदय भान सिंह, राजबहादुर दुबे, प्रधानाचार्य संतोष कुमार ,रुद्र प्रताप सिंह महेंद्र प्रताप सिंह, प्रधानाचार्य संतोष कुमार, प्रदीप कुमार वर्मा, अभिषेक मणि तिवारी, सुभाष कुमार ,आशीष यादव ,निर्देश कुमार सोनकर, देशदीप तिवारी, अनुज कश्यप ,डॉली श्रीवास्तव, कुसुम यादव, शशि कला यादव, हेमंत यादव,महावीर यादव, शैलेंद्र कुमार मिश्रा, रामसेवक मौर्य, गौरव सिंह आदि शिक्षक एवं आगंतुक उपस्थित रहे।
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