जौनपुर: समाज का अंतिम व्यक्ति की आर्थिक मजबूती चाहते थे पंडित जी: नितेश जायसवाल

🔹"भारतीय ज्ञान परम्परा के संदर्भ में एकात्म मानववाद: एक परिचर्चा" का आयोजन 

रामनरेश प्रजापति 
जौनपुर। वीर बहादुर सिंह पूर्वांचल विश्वविद्यालय के दत्तोपंत ठेंगड़ी विधि संस्थान के मूटकोर्ट हाल में विधि संस्थान एवं विद्या भारती उच्च शिक्षा संस्थान (काशी प्रान्त) के संयुक्त तत्वावधान में पंडित दीनदयाल उपाध्याय के जन्मदिवस के अवसर पर सोमवार को "भारतीय ज्ञान परम्परा के संदर्भ में एकात्म मानववाद: एक परिचर्चा" विषय पर एक व्याख्यान आयोजित किया गया। 

मुख्य वक्ता डा. नितेश जायसवाल ने विस्तृत रूप से भारतीय ज्ञान परम्परा पर आधारित एकात्म मानववाद पर विस्तृत चर्चा करते हुए कहा कि किसी कल्याणकारी राज्य की अवधारण की परिकल्पना तभी संभव है जब समाज का अंतिम पायदान का व्यक्ति आर्थिक रूप से सम्पन्न होगा।  कार्यक्रम के संयोजक डा. दिनेश कुमार सिंह ने सभी का स्वागत किया एवं एकात्म मानववाद के प्रणेता पंडित दीनदयाल जी के विचारो पर अपना उद्बोधन प्रस्तुत किया। 

कार्यक्रम के आयोजन सचिव डा. इंद्रजीत सिंह ने संबोधित करते हुए कहा कि एकात्म मानववाद बसुधैव कुटुम्बकम की भावना पर  आधारित है। विधि संस्थान की प्रभारी विभागाध्यक्ष डा. वनिता सिंह ने सभी का धन्यवाद ज्ञापन किया। इस कार्यक्रम में मंगला प्रसाद यादव (पूर्व निदेशक), डा. प्रियंका कुमारी, डा. राजित राम सोनकर, डा. प्रमोद कुमार, डा. अंकित कुमार, डा. राहुल कुमार राय, डा. अनुराग मिश्रा एवं विधि के छात्र-छात्राए उपस्थित रहें।

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