जौनपुर: मनुष्य का जीवन है पेड़ पौधों पर निर्भर: प्रो. आलोक सिंह

  • प्रकृति का अनुपम देन है पेड़: कर्नल निकेत सिंह
  • कालेज पौधरोपण में कैडेटों ने लिया बढ़चढ़ कर हिस्सा 
जौनपुर। वृक्ष प्रकृति के द्वारा दी गई वो देन हैं, जिसका कोई दूसरा विकल्प नहीं है। इनके कारण ही हमारा और पृथ्वी का अस्तित्व है। पेड़ों के बिना जीवन असंभव है। पेड़ प्रकृति की अनुपम देन हैं।''उक्त उार तिलकधारी स्नातकोत्तर महाविद्यालय जौनपुर में आयोजित वृक्षारोपण कार्यक्रम में 98 यूपी बटालियन एनसीसी के सीओ कर्नल निकेत सिंह नेगी ने व्यक्त किए।
उन्होंने कहा कि पेड़-पौधों का उपयोग हम रोजाना अपने जीवन में करते हैं। पेड़ पौधों से उत्पन्न फल और फूल का प्रयोग हम करते हैं। महाविद्यालय के प्राचार्य प्रो. आलोक कुमार सिंह ने कहा कि मनुष्य का जीवन पूरी तरह से पेड़-पौधों पर ही निर्भर है। इन पेड़-पौधों से ही खाने के लिए अनाज मिलता है और सांस लेने के लिए आक्सीजन मिलती है।
बारिश का संतुलन भी इन्हीं से बनता है। अत: पीने का पानी भी पेड़-पौधों के जरिए ही मनुष्य को मिल पाता है। एडमिनिस्ट्रेटिव ऑफिसर लेफ्टिनेंट कर्नल मंजीत कुमार बुधवार ने कहा कि वृक्ष धरा के आभूषण हैं। एक वृक्ष एक साल में 260 पाउंड ऑक्सीजन उत्पन्न कर के वातावरण में छोड़ता है और इससे लाखों लोगों को सांस लेने के लिए शुद्ध ऑक्सीजन मिलती है। कैप्टन रजनीश सिंह ने कहा कि वृक्षारोपण दुनिया का सबसे पुनीत कार्य है। एक वृक्ष 10 पुत्र के समान है।
एनसीसी अधिकारी डॉ.जितेश कुमार सिंह ने कहा कि हम जितने अधिक वृक्ष लगाएंगे पर्यावरण को उतना ही शुद्ध और आगे आने वाली पीढ़ी के लिए अनुकूल बनाएंगे। यदि वृक्ष नहीं रहेंगे तो आने वाले दिनों में हमारे लिए सांस लेने में भी दिक्कत पैदा होगी। कार्यक्रम में गणित विभाग के डॉ. विजेंद्र सिंह ने भी अपने विचार रखते हुए कहा कि पर्यावरण को प्रदूषण से बचाने के लिए वृक्षारोपण अत्यावश्यक है। वृक्ष हमारे लिए आवश्यक आक्सीजन मुफ्त में देते हैं। हिंदी विभाग के प्रो. राजदेव दुबे ने कहा कि वृक्ष हमारे फेफड़ों की धड़कन हैं। जीवन की असली धरोहर हैं। इसलिए हमें अधिकाधिक वृक्ष लगाना चाहिए।

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