- श्रीमद्भागवत व मानस कथा के अंतिम दिन उमड़ी भीड़
बक्शा,जौनपुर। कलयुग केवल राम अधारा अर्थात रामयुग में केवल प्रभु राम का नाम ही जीवन का आधार है। मृत्युलोक में सन्त के मुख से निकली बाणी मनुष्य का भाग्य बदल सकती है। उक्त बातें वाराणसी से आये श्रीमद्भागवत कथाकार डॉ. मदन मोहन मिश्र ने लेदुका बाजार में स्थित श्रीराम जानकी मंदिर परिसर में सात दिवसीय श्रीमद्भागवत कथा के अंतिम दिन मंगलवार की रात्रि सैकड़ो भक्तों के बीच कही। उन्होंने कहा कि राम कथा होगी तभी पवन नंदन रहेंगे, पवन नंदन रहेंगे तभी स्वच्छ हवा मिलेगी। डॉ. मिश्र ने विषधर नाग के फन पर यमुना में नृत्य की कथा सुनाकर भक्तों को भावविभोर कर दिया।
उन्होंने चौथ का चंद्रमा देखने पर उसका दोष निवारण बताते हुए कथा प्रसंग भी सुनाया। उन्होंने कहा कि ऋचाएं ही गोपियां है। लीलाधारी पुरु षोत्तम भगवान श्री कृष्ण की लीला जीवन को सीख देती है। जनपद के स्वामी बजरंग दास ने भक्तजनों के बीच हनुमंत कथा सुनाते कहा कहा कि अंजनी के लाल की पूजा करने वाले का अनिष्ट कभी हो ही नही सकता।
उन्होंने कहा कि रावण की सोने की लंका रावण के ही सामान से जलाकर राख करने वाले हनुमान कष्ट हरता है। इस दौरान कार्यक्रम आयोजक राजनाथ सेठ, पंडित रघुवंशमणि, डॉ. लालजी, जयशंकर दूबे, राजमणि, सन्तोष, धर्मराज, शिवा सेठ, पवन मोदनवाल आदि लोग मौजूद रहे। कथा का संचालन उपेन्द्र उपाध्याय ने किया। कथा समापन पश्चात आरती व प्रसाद वितरण किया गया।
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