प्रेरणा दिवस के रूप में मनाई गई गांधी स्मारक विद्यालय संकुल समोधपुर के संस्थापक स्व. ठाकुर प्रसाद सिंह की 22वीं पुण्यतिथि
सुइथाकला। शिक्षा के शिल्पी, ग्रामीण शिक्षा के मालवीय, उत्कृष्ट विचारक एवं चिंतक गांधी स्मारक विद्यालय संकुल के संस्थापक एवं पूर्व प्रबंधक स्व. ठाकुर प्रसाद सिंह की 22 वीं पुण्यतिथि श्री गांधी स्मारक इंटर कॉलेज समोधपुर के प्रांगण में सोमवार को प्रेरणा दिवस के रूप में मनाई गई। शिक्षा के क्षेत्र में दिए गए उनके महान योगदान को याद करते हुए भावभीनी श्रद्धांजलि अर्पित की गई।
श्रद्धांजलि समारोह के मुख्य अतिथि राज्य अध्यापक पुरस्कार से पुरस्कृत, पूर्व प्रधानाचार्य, स्काउट गाइड के जिला मुख्य आयुक्त डॉ. रणजीत सिंह ने स्व. संस्थापक के चित्र पर श्रद्धा सुमन अर्पित कर विनम्र श्रद्धांजलि दी। समारोह का शुभारंभ संगीत शिक्षक प्रेमनाथ सिंह चंदेल के निर्देशन एवं मार्गदर्शन में अघोर वंदना " हे योगिराज अकाम, तुमको कोटि -कोटि प्रणाम"..... से हुआ। मुख्य अतिथि डॉ. सिंह ने कहा कि स्वर्गीय ठाकुर प्रसाद सिंह नियम के पक्के और समय के पाबंद और अनुशासन प्रिय व्यक्तित्व थे। भेदभाव और संकीर्णता ने उन्हें छुआ तक नहीं था। वह छात्र हित के लिए सदैव तत्पर रहते थे। बच्चों की शिक्षा में बेहतर करने के लिए वह हमेशा अग्रसर रहते थे। उन्होंने संस्थापक को दृढ़ निश्चय वाला लौह पुरुष एवं साहसी व्यक्तित्व बताया। उन्होंने कहा कि उनके पारदर्शी और निष्पक्ष व्यक्तित्व का कोई जोड़ नहीं है।
विद्यालय संकुल के प्रबंधक हृदय प्रसाद सिंह 'रानू ' ने कहा कि संस्थापक के विचारों को मूर्त रूप देने में कोई कोर कसर नहीं छोडूंगा। उन्होंने शिक्षकों से अपील करते हुए कहा कि आज के दिन सभी शिक्षक संकल्प लें कि बच्चों को गुणवत्तापरक शिक्षा प्रदान करें। उन्होंने कहा कि बच्चों को किताबी ज्ञान के अलावा संस्कारित भी करें। उन्होंने शिक्षकों, प्रबंध तंत्र और अन्य लोगों को समन्वय बनाकर विद्यालय एवं छात्र हित के लिए काम करने की बात कही। कहा कि आज के बच्चे ही कल के भविष्य हैं। राज्य शिक्षक पुरस्कार से सम्मानित प्रधानाध्यापक सतीश सिंह ने कहा कि ठाकुर प्रसाद सिंह ऐसी शख्सियत थे जो किसी परिचय के मोहताज नहीं हैं। उन्होंने उनके विचारों को आत्मसात करने की बात कही। प्राचार्य प्रो. रणजीत कुमार पांडेय ने संस्थापक को दूरदर्शी एवं प्रबंधकों के लिए प्रेरणास्रोत बताया। बताया कि कल्पना से परे उनका व्यक्तित्व था। सेवानिवृत्त शिक्षक गंगा प्रसाद सिंह ने संस्थापक को संघर्षशील, कर्मठ एवं समर्पण की मिसाल बताया। पूर्व रसायन प्रवक्ता रामलाल गुप्ता ने कहा कि बच्चों का चहुमुखी विकास करना ही स्वर्गीय संस्थापक के प्रति सच्ची श्रद्धांजलि होगी।
अध्यक्षता करते हुए प्रबंध समिति के सदस्य पंडित राम सन्मुख तिवारी ने कहा कि हर तबके के बच्चों को शिक्षित करने पर ही संस्था की स्थापना का उद्देश्य पूर्ण होगा। राज्य शिक्षक पुरस्कार से सम्मानित शिक्षक एवं विद्यालय के पूर्व छात्र सतीश सिंह का प्रबंधक ने अंगवस्त्र, माल्यार्पण एवं बुके भेंट करके स्वागत किया। धन्यवाद एवं आभार ज्ञापन इंटर कॉलेज के प्रधानाचार्य डॉ अजेय प्रताप सिंह तथा संचालन अंग्रेजी प्रवक्ता विनय त्रिपाठी ने किया। मौके पर प्रो. अरविंद कुमार सिंह, प्रो. राकेश कुमार यादव, डीपीएड के प्राचार्य राजेश प्रताप सिंह, शीतला प्रसाद उपाध्याय,उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षक संघ के प्रदेश उपाध्यक्ष नरसिंह बहादुर सिंह, प्रशांत तिवारी, राधेश्याम मौर्य, विद्यालय प्रबंध समिति के सदस्य गण ओमप्रकाश पाल, बैजनाथ सिंह, नरेंद्र सिंह, अच्छेलाल सिंह, जितेंद्र बहादुर सिंह बबलू समेत संकुल के समस्त शिक्षक एवं शिक्षणेत्तर कर्मचारी उपस्थित रहे।
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