- 20 वर्ष में भी हम वन् ट्रिलियन इकॉनमी तक नहीं पहुंच सकते
- प्रतिवर्ष गरीबी रेखा के नीचे जा रही है 6 करोड़ की आबादी
- मिडिल क्लास सेविंग जीएसडीपी का 50 से 5.1 प्रतिशत पर आ गई
- आर्थिक असमानता में विश्वगुरु बन चुका है हमारा देश
जौनपुर। उत्तर प्रदेश विधानसभा में सपा की मछलीशहर की विधायक डॉ. रागिनी सोनकर ने बजट सत्र में सरकार द्वारा पेश किए गए बजट की बारिकियों की बखिया उधेड़ दी। ऐसे- ऐसे सवाल आंकड़ों के साथ दागे जिसकी कल्पना सरकार और वित्त मंत्री को नहीं थी। अभी तक चिकित्सा, ऊर्जा, जल संसाधन और खेल विभाग उनके रडार पर था। आज उन्होंने बजट की कमियों को पकड़कर सरकार के होश उड़ा दिए।
विधायक डॉ. रागिनी सोनकर ने कहा कि उत्तर प्रदेश की सरकार वन ट्रिलियन इकॉनमी का दावा कर रही है, यह सरकार, वहीं वे अपने हर वादे में डबल इंजन की तरह फेल भी होती जा रही है। सरकार देश को विश्वगुरु बनाने की बात कर रही हैं, लेकिन आज आर्थिक असमानता में देश विश्वगुरु बन चुका है। आज अमीर और अमीर होता चला जा रहा है गरीब और गरीब। ये मैं नहीं स्वयं सरकार के आंकड़े बताते हैं कि आज पूरे देश में 60 करोड़ लोग हैं जो कि सरकारी राशन पर आश्रित हैं। प्रति वर्ष 6 करोड़ लोग ऐसे हैं जो आपकी गरीबी रेखा से नीचे चलते चले जा रहे हैं। आरबीआई का आंकड़ा ये बता रहा है कि आज से 2010, 2011 में जो मिडिल क्लास की आमदनी थी सेविंग थी, वो जीएसडीपी का 50 प्रतिशत हुआ करती थी और इस समय में 5.1 प्रतिशत पर आ गई है।
आज गरीब और मिडल क्लास की पाकेट में कोई पैसा नहीं है । अगर मैं बात करूं महिलाओं की तो नियमित वेतनभोगी महिलाएं 22 प्रतिशत थी, वह गिर कर 16 प्रतिशत पर आ चुकी हैं। प्रदेश की 6 करोड़ की आबादी प्रतिवर्ष गरीबी रेखा के नीचे चली जा रही है। मेरा प्रश्न जो था वो अर्थव्यवस्था से लेकर के था कि वन ट्रिलियन इकॉनमी प्रदेश कब तक पहुंचा दे और साथ ही साथ मेरा प्रश्न था कि वो कौन कौन से विभाग है जो सबसे ज्यादा और सबसे कम योगदान कर रहे हैं और उनको किस तरीके से उनके कॉन्ट्रीब्यूशन को बढ़ाया जाएगा।
आज स्थिति यह है कि आने वाले 20 से पचीस सालों में भी हम वन् ट्रिलियन इकॉनमी तक नहीं पहुंच सकते हैं। हमे ट्वेंटी परसेंट ग्रोथ रेट की आवश्यकता है और यहाँ हमारा ग्रोथ रेट 10 पर्सेंट तक पहुंच पाया है। मेरा आपसे प्रश्न ये है कि गरीबी रेखा के नीचे जा रहे लोग को ऊपर उठाने के लिए सरकार की कोई नीति आने वाली है?
मैं आपसे दूसरा यह सवाल करना चाहूंगी कि एग्रीकल्चर डिपार्टमेंट को 4 गुना काम करना पड़ेगा, हमारे इंडस्ट्री डिपार्टमेंट को साढे 3 गुना काम करना पड़ेगा और एम्प्लॉयमेंट रेड को 4 गुना काम करना पड़ेगा। जब आप 2017 से 2025 तक उस ग्रोथ रेट को नहीं कवर कर पाए हैं तो आगे आने वाले समय में आप वन ट्रिलियन इकॉनमीकैसे बनाएंगे?
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