- भारत की स्वतंत्रता आसान नहीं थी: दीपक चिटकारिया
जौनपुर। वीर बहादुर सिंह पूर्वांचल विश्वविद्यालय एवं राष्ट्रीय सेवा योजना परिसर इकाई द्वारा काकोरी ट्रेन एक्शन शताब्दी महोत्सव एवं हर घर तिरंगा कार्यक्रम के अंतर्गत विभाजन विभीषिका स्मृति दिवस के अवसर पर कुलपति प्रो0 वंदना सिंह के संरक्षत्व में विभाजन विभीषिका विषय पर ऑनलाइन संगोष्ठी का आयोजन किया गया है। कुलपति ने अपने अध्यक्षीय उद्बोधन में कहा कि देश के बंटवारे का दर्द कभी भुलाया नहीं जा सकता है। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि श्री दीपक चिटकारिया, वरिष्ठ पत्रकार ने अपने उद्बोधन में कहा कि भारत की स्वतंत्रता आसान नहीं थी इसके साथ भीषण सांप्रदायिक हिंसा आई जिसने एक मिलियन से अधिक लोगों की जान लेली। ब्रिटिशों की 'फूट डालो और राज करो' नीति ने भारत में सांप्रदायिकता के बीज बोए, जिसे बाद में जिन्ना और मुस्लिम लीग ने अपने दो-राष्ट्र सिद्धांत के साथ बढ़ावा दिया। यही पाकिस्तान के निर्माण का मुख्य कारण बना। कुछ ही हफ्तों में 12 मिलियन लोगों ने, जिनमें अधिकांश हिंदू और सिख थे, नई अंतरराष्ट्रीय सीमाओं को पार किया।
एक मिलियन से अधिक लोग मारे गए, हजारों बच्चे लापता हो गए, हजारों महिलाओं का बलात्कार हुआ। विशेष आमंत्रित अतिथि सरदार स्वर्ण सिंह ने कहा कहा कि जो लोग बंटवारे के शिकार हुए वे कितने दर्द सहे होंगे इसकी कल्पना नहीं की जा सकती। १९४७ का विभाजन बहुत महंगा था इसका कोई हल निकाला जाना चाहिए था। उन्होंने अपने पूर्वजों की स्मृतियों को साझा किया तो लोगों के रोंगटे खड़े हो गए। कार्यक्रम का संचालन डॉ. शशिकांत यादव ने किया अतिथियों का स्वागत एवं परिचय हर घर तिरंगा के नोडल अधिकारी प्रो. मनोज मिश्र ने किया, धन्यवाद ज्ञापन डॉ. पुनीत कुमार धवन, सह नोडल अधिकारी काकोरी ट्रेन एक्शन ने किया।
इस अवसर पर विधि संस्थान के प्रो. देवराज सिंह, रज्जू भैया संस्थान के निदेशक प्रो. प्रमोद कुमार यादव, प्रो. आचार्य विक्रम देव, प्रो. मिथिलेश सिंह, प्रो. संदीप सिंह, प्रो. संतोष कुमार, प्रो. रवि प्रकाश, डॉ. अमरेद्र कुमार सिंह, डॉ. दिग्विजय सिंह राठौर, डॉ. प्रमोद कुमार, डॉ. नितेश जायसवाल, डॉ. नीरज अवस्थी, डॉ. सुनील कुमार, डॉ. सुशील शुक्ला, डॉ. नवीन चौरसिया, डॉ. रामांशु प्रभाकर, डॉ. धीरेंद्र चौधरी, डॉ. संदीप वर्मा एवं डॉ. विशाल यादव, आदि बड़ी संख्या में छात्र छात्राएं कार्यक्रम जुड़े।
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