रामनरेश प्रजापति
सुईथाकला, जौनपुर। संत निरंकारी मिशन जोन नं. 63 जौनपुर शाखा पट्टी नरेंद्रपुर( बरबसपुर) में रविवार को ज्ञान प्रचारक महात्मा मानिकचंद तिवारी की अध्यक्षता में साप्ताहिक सत्संग का आयोजन हुआ। उन्होंने कहा कि जब भी आसुरी शक्तियां आध्यात्मिक शक्तियों पर हावी हुई हैं ऐसी अवस्था में ईश्वर किसी न किसी रूप में इस धरती पर अवतरित होता है। भक्त प्रहलाद भक्ति और सच्चाई की प्रतिमूर्ति थे।सत्य को दबाने के लिए जब वरदान का दुरुपयोग होता है तो ईश्वर उस प्रभाव को समाप्त करते हैं। होलिका दहन बुराई पर अच्छाई की जीत का पर्व है। आजकल यह केवल पर्व मनाने तक ही सीमित रह गया है जबकि बुराइयों का त्याग ही होलिका दहन मनाने का उद्देश्य है। ज्ञान प्रचारक ने कहा कि समय की सद्गुरु माता सुदीक्षा जी महाराज आज हर मानव की आत्मा को प्रभु की भक्ति के रंग में रंग रही हैं।उन्होंने बताया कि लाखों करोड़ों चेहरों पर हंसी और खुशी की झलक सद्गुरु की बदौलत कायम है।
अपने संबोधन में उन्होंने कहा कि मन को ईश्वर के रंग में रंगना ही सच्ची होली है। निराकार का रंग ही सच्चा रंग है। लाल-पीला सांसारिक रंग केवल तन को रंगता है। मन को रंगने के लिए ईश्वर का ज्ञान जरूरी है। जब आत्मा पर परमात्मा का रंग चढ़ जाता है तो संसार का वाह्य रंग फीका पड़ जाता है।आंखों से दिखने वाला भौतिक रंग तो पानी से घुल जाता है लेकिन आत्मा पर प्रभु की भक्ति का रंग चढ़ने के बाद कभी भी नहीं उतरता। मीराबाई, कबीर, तुलसीदास, हनुमान जी और सबरी जैसे भगवान के अनन्य भक्त इसके उदाहरण हैं। महात्मा राजित राम ने कहा कि मानव तन में ही ईश्वर की प्राप्ति होती है। मनुष्य शरीर मोक्ष प्राप्त का द्वार और सबसे सुलभ साधन है। स्वयं की पहचान के बाद आत्मा अपने स्वरूप में स्थित हो जाती है जिससे वह जन्मरण के बंधन से मुक्त हो जाती है। परमात्मा का हो जाना ही वास्तविक होली है। यदि जीवन में ईश्वर के प्रति समर्पण की भावना उत्पन्न नहीं हुई तो समझ लेना चाहिए कि हम सचमुच में होली नहीं खेल रहे हैं।
तिलक स्मारक इंटर कॉलेज अमावा खुर्द के पूर्व प्रधानाचार्य महात्मा आरपी सिंह ने कहा कि निर्मल मन वाला मनुष्य ही ईश्वर को सबसे प्रिय है। उन्होंने सत्संग के महत्व पर प्रकाश डाला। पूर्व प्रधानाचार्य ने कहा की बुराइयों का त्याग करने पर ही ईश्वर की प्राप्ति होती है। डॉ वीरेंद्र प्रताप सिंह ने कहा कि सत्संग ही ईश्वर का सानिध्य प्राप्त करने का माध्यम है। शशांक सिंह की भजन हर खुशी मिल जाएगी हरि चरणों में झुक जाने के बाद ने साध-संगत को आनंदित कर दिया। रमापति प्रजापति, दयाराम, वंदना, सपना आदि लोगों ने भी अपने गीतों की प्रस्तुति और विचार प्रकट किये। इस अवसर पर डॉ शैल कुमार प्रजापति, नंदलाल, अद्या प्रसाद, कमलेश, रामसागर एडवोकेट, भुल्लर आदि लोग उपस्थित रहे।
0 टिप्पणियाँ