जौनपुर: लक्ष्य के प्रति दृढ़ संकल्पित होने से मिलेगी सफलता: रामनरेश प्रजापति

🔸जनसंचार विषय के गोल्ड मेडलिस्ट रामनरेश प्रजापति ने छात्रों से किया संवाद

शाहगंज। तहसील क्षेत्र के सेंट जेवियर्स वर्ल्ड स्कूल पट्टी नरेंद्रपुर में मंगलवार को वीर बहादुर सिंह पूर्वांचल विश्वविद्यालय जनसंचार विषय के गोल्ड मेडलिस्ट रामनरेश प्रजापति का स्मृति चिन्ह और अंगवस्त्रम भेंट करके स्वागत किया गया । विद्यालय के छात्र-छात्राओं से उन्होंने पत्रकारिता और करियर को लेकर संवाद किया ।अपने संबोधन में उन्होंने कहा कि आधुनिकता के दौर में पत्रकारिता लोकतंत्र को मजबूती प्रदान करने का सबसे सशक्त माध्यम है।

समाज, सरकार और प्रशासन को सच का आइना दिखाना पत्रकारिता का मूल उद्देश्य और सबसे बड़ा धर्म है। उन्होंने बताया कि मीडिया में करियर की अपार संभावनाएं हैं।पत्रकारिता के क्षेत्र में आगे आना समय की जरूरत है। इससे न्याय की आस में भटक रहे हर पीड़ित व्यक्ति के लिए मीडिया ही अंतिम विकल्प है। छात्रों में सकारात्मक ऊर्जा का संचार करते हुए उन्होंने बताया कि लक्ष्य को निर्धारित करके उसके अनुरूप कार्य करने से ही सफलता मिलती है।

सपने उन्हीं के साकार होते हैं जो बड़े सपने देखते हैं।मंजिल की तरफ अग्रसर व्यक्ति के लिए बाधाएँ, चुनौतियां,समस्याएं और संघर्ष को भीड़ कभी नहीं देखती।लोग हमारे ऊपर ध्यान तब देंगे जब हम निर्धारित लक्ष्य को हासिल करेंगे।सफलता हासिल करने से पहले हमें अपने लक्ष्य को अवश्य निर्धारित करना होगा कि हमें भविष्य में क्या  बनना है।उन्होंने कहा कि लोग हमारे संघर्ष और कठिनाइयों को नहीं देखते हैं बल्कि हम उन्हें तब दिखाई देते हैं जब हम मंजिल पर पहुंच जाते हैं।उन्होंने छात्रों से बताया कि मंजिल को हासिल करने के लिए दिल में एक जज्बा और जुनून होना चाहिए।इतिहास में उन्हें का नाम लिखा जाता है जो सामान्य लोगों की बनाई हुई लकीर से हटकर चलते हैं ।वह अपनी लकीर खुद खींचते हैं। उनका सोना - जागना,उठना बैठना ,खाना पीना  , पढ़ना लिखना सबसे अलग होता है। सफलता हासिल करने का यही सबसे बड़ा राज होता है।उन्होंने सफलता के रहस्य के बारे में बताया कि हमारे अंदर असीमित ऊर्जा भरी पड़ी है बस केवल हमें उसे जागना होगा और पहचानना होगा। 

उन्होंने बताया कि अध्ययन के समय मोबाइल से दूरी बनाएं। यदि लक्ष्य प्राप्त करने का दृढ़ संकल्प मनुष्य ले ले तो कोई भी  बाधा उसे  डिगा नहीं सकती। मुख्य रूप से  बड़े सपने को साकार करना जरूरी है जिनकी उम्मीदें हमसे जुड़ी होती हैं ।दूसरों से प्रतिस्पर्धा करने ,दूसरों से संघर्ष करने और  बाह्य चुनौतियों के बजाय खुद से  संघर्ष करने से ही सफलता सुनिश्चित होती है। दूसरों से लड़ने की अपेक्षा खुद के जीवन में आने वाली हर  चुनौतियां और स्वयं  से  संघर्ष करने से अपने मुकाम को हासिल कर सकते हैं। इस अवसर पर प्रधानाचार्या चंद्रकला सिंह,अजरा उप प्रधानाचार्य,एम पी सिंह,संजय सिंह,डी पी सिंह ,विनीत कुमार सिंह,अवधेश सिंह ,अंशुमान बरनवाल,गोपाल मिश्रा,प्रियंका मिश्रा,साक्षी बरनवाल, गुंजन, अंजली आदि शिक्षक उपस्थित रहे।

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