हम शिक्षक भी बड़े अजीब हैं


हम शिक्षक भी बड़े अजीब हैं 

'बच्चों को सिखाते हैं, पढ़ाते हैं 
खेल-खेल में ज्ञान दे जाते हैं।।
कभी हंसाते हैं कभी खेलाते हैं
  कभी प्यार से डांट भी लगाते हैं ।।
  कभी मित्र बन साथ निभाते हैं
  तो कभी पिता बन रक्षा करते हैं।।
   मां बनकर ममता लुटाते हैं।
   हम बच्चों के आधार बन जाते हैं।।

 शायद इसीलिए कहा गया है
समाज का गौरव है शिक्षक
श्रद्धा और विश्वास है शिक्षक
  शिक्षक दिवस पर  मैं अपने उन सभी शिक्षकों को नमन करती हूं जिनकी वजह से आज मैं यह मुकाम हासिल कर पाई हूं।
 जय हिंद जय शिक्षक

डॉ रागिनी गुप्ता
अभिनव प्राथमिक विद्यालय ककोरगहना, जौनपुर।

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