जौनपुर: बच्चोँ के दांतों का इलाज सही समय पर कराना अत्यन्त आवश्यक: डा. तुलिका

  • विश्व की 90 प्रतिशत से ज्यादा बच्चे मुख़ एवं दन्त रोगों से पीड़ित: डा. बीके
  • दांतों की समस्याओं के लिये गोष्ठी एवं शिविर का हुआ आयोजन
जौनपुर। बाल दिवस के उपलक्ष्य में रविवार को बच्चों के दांतों की समस्याओं के लिए गोष्ठी एवं शिविर का आयोजन केयर डेंटल स्पेशयलिटी सेंटर रुहट्टा पर हुआ। शिविर में पेडिअट्रिक डेंटिस्ट्री (बच्चों के दांतों) को ठीक करने के नये इलाजों पर चर्चा किया गया। इस मौके पर मुख्य वक्ता के रूप में उपस्थित लखनऊ के पेडिअट्रिक डेंटिस्ट डॉ बीके सिंह ने बताया कि विश्व की 90 प्रतिशत से ज्यादा बच्चे मुख़ एवं दन्त रोगों से पीड़ित रहते हैँ। माता—पिता को बच्चोँ के दांतों के प्रति ध्यान देने की अत्यंत आवश्यकता है। अगर सही समय पर बच्चोँ के मुख़ एवं दन्त रोगों की पहचान करके उसका उपचार करा लिया जाय तो भविष्य में मुख़ एवं दन्त रोग होने की सम्भावना कम रहती है।
दन्त रोग विशेषज्ञ डॉ गौरव प्रकाश मौर्य ने बताया कि बच्चों के दांतों की समस्या बहुत सामान्य है, बच्चोँ के दाँत में कीड़ा लगना, दूध के दातों का सड़ना, दाँत टूटने के बाद दोबारा न आना, बच्चोँ के मुँह मे बार बार छाले पड़ना, इत्यादि होने पर बिना दाँत निकाले ठीक किया जा सकता है। नई तकनीक द्वारा बच्चों के दातों में फ्लोराइड लगा के उनको मजबूत किया जा सकता है।
डॉ तूलिका मौर्या ने बताया कि बच्चोँ के दांतों का इलाज सही समय पर कराना अत्यंत आवश्यक है। यदि बच्चों के दूध के दाँत समय पर न टूटे और पीछे से नया दाँत निकले या बच्चों की असामान्य आदतें -अंगूठा चूसना, नाखून काटना, मुँह खोल के सोना, इत्यादि हो तो चिकित्सक से तुरंत संपर्क करें। सही समय पर इलाज से बच्चों में आगे चलकर टेढ़े-मेढ़े दांतों की समस्या नहीं आती और फिक्स तार की आवश्यकता नहीं पड़ती। शिविर में 65 बच्चों की निःशुल्क जांच कर दवाई वितरित की गयी।
शिविर में डॉ. सौरभ रस्तोगी, डॉ. मुकेश शुक्ला, विक्रम गुप्ता, विवेक सिंह, मोहित शर्मा, प्रदीप कुमार, विशाल, रिंकी यादव, अजीत विश्वकर्मा सहित तमाम लोग उपस्थित रहे।

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