- काकोरी की घटना ने क्रांतिकारी आंदोलन को नई दिशा दी: प्रो.शैलेंद्र
जौनपुर। गांधी स्मारक पीजी कॉलेज समोधपुर में प्रबंधक ह्मदय प्रसाद सिंह 'रानू' के संरक्षण में एवं प्राचार्य बीके निर्मल की अध्यक्षता में आजादी का अमृत महोत्सव एवं हर घर तिरंगा अभियान के अंतर्गत आज़ादी का अमृत महोत्सव काकोरी दिवस विषय पर एक दिवसीय वेबिनार का आयोजन किया गया। इस वेबीनार में मुख्यवक्ता प्रो. शैलेन्द्र कुमार शर्मा, प्राचार्य चौधरी चरण सिंह पीजी कालेज हैबरा, इटावा ने भारतीय इतिहास में 9 अगस्त 1925 को घटित काकोरी ट्रेन कार्यवाही के उपलक्ष्य में आयोजित काकोरी दिवस के महत्व को रेखांकित करते हुए बताया कि आज ही के दिन 1925 में हिंदुस्तान रिपब्लिकन एसोसिएशन के 10 क्रांतिकारियों ने क्रांतिकारी गतिविधियों के संचालन के लिए धन प्राप्त करने के उद्देश्य से अंग्रेजी सरकारी खजाने को लूटने के उद्देश्य से राम प्रसाद बिस्मिल के नेतृत्व में सहारनपुर-लखनऊ 8 डाउन पैसेंजर ट्रेन को लखनऊ जिले के काकोरी स्टेशन पर राजेन्द्र सिंह लाहिड़ी ने चेन खींच कर रोका और अशफ़ाक उल्ला खां, चंद्रशेखर आज़ाद और अपने अन्य 6 सहयोगियों के साथ लूट लिया।
इतिहास में यह घटना काकोरी ट्रेन लूट कांड के रूप में दर्ज है जिसे इस समय काकोरी ट्रेन कार्यवाही या काकोरी दिवस के रूप में जाना जाता है। इस घटना ने भारतीय राष्ट्रीय आंदोलन में क्रांतिकारी आंदोलन को एक नई दिशा दी साथ ही साथ हिंदुस्तान रिपब्लिकन एसोसिएशन आगे चलकर भगत सिंह और चंद्रशेखर आज़ाद के नेतृत्व में हिंदुस्तान सोशलिस्ट रिपब्लिकन एसोसिएशन के रूप में क्रांतिकारी गतिविधियों के संचालन लिए एक महत्वपूर्ण संस्था सिद्ध हुई।
अपने अध्यक्षीय उोधन में प्राचार्य प्रो. बीके निर्मल ने बताया कि इस घटना में हिन्दुस्तान रिपब्लिकन ऐसोसिएशन के कुल 40 क्रान्तिकारियों पर सम्राट के विरु द्ध सशस्त्र युद्ध छेड़ने, सरकारी खजाना लूटने व यात्रियों की हत्या करने का प्रकरण चलाया जिसमें राजेन्द्रनाथ लाहिड़ी, पण्डित राम प्रसाद बिस्मिल, अशफाक उल्ला खाँ तथा ठाकुर रोशन सिंह को मृत्यु-दण्ड (फाँसी की सजा) सुनायी गयी। इस प्रकरण में 16 अन्य क्रान्तिकारियों को कम से कम 4 वर्ष की सजा से लेकर अधिकतम काला पानी (आजीवन कारावास) तक का दण्ड दिया गया था। कार्यक्रम का संचालन डॉ. राकेश कुमार यादव, संयोजक आजादी का अमृत महोत्सव एवं हर घर तिरंगा अभियान ने किया तथा धन्यवाद ज्ञापन प्रोफेसर रमेश चंद्र सिंह ने दिया।
इस अवसर पर कार्यक्रम के संयोजक डॉ. सत्य प्रकाश सिंह, सह संयोजक कमल प्रकाश रंजन, डॉ. लक्ष्मण सिंह, डॉ. वंदना तिवारी, डॉ. जोरावर सिंह, डॉ. राजीव विश्नोई, विवेक मद्धेशिया, भाष्कर आचार्य, डॉ. अंसार खान मिश्र, डॉ. अवधेश कुमार मिश्र, डॉ. राज बहादुर यादव, डा. आलोक प्रताप सिंह, डॉ. पंकज सिंह, जितेंद्र सिंह, डॉ. नीलम सिंह, डॉ. नीलू सिंह, जितेंद्र कुमार, विष्णुकांत त्रिपाठी, डॉ. लालमणि प्रजापति, डॉ. शशिकान्त, नीलम, विकास, सोनू यादव, विवेक सहित बड़ी संख्या में शिक्षक एवं छात्र उपस्थित रहे।




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