गजानन महाराज
भाद्र शुक्ल की चतुर्दशी,
मनत है गणपति त्योहार।
सवारी प्रभु का मूषक डिंक,
मोदक उनका प्रिय आहार।।
उमा सुत है प्रथम पूज्य,
प्रभु गजानन महाराज।
ऋद्धि सिद्धि संग पधार,
पूर्ण करो मेरे सब काज।।
मोदक संग चढ़े जिन्हे,
दूर्वा, शमी, पुष्प लाल।
हे लंबोदर! सिद्धिविनायक!
आए हरो मेरे सब काल।।
हे ऋद्धि, सिद्धि के दायक,
हे एकदंत! हे विनायक!
गणेश उत्सव पर पधार,
बनो हमरे सदा सहायक।।
बप्पा गणपति पूजा हेतु,
दस दिवस को आए।
पधार पुत्र शुभ लाभ संग,
सारी खुशियां संग लाए।।
फूल, चंदन संग अक्षत, रोली,
लिए हाथ जोड़ करते वंदन।
हे गणाध्यक्ष!, हे शिवनंदन!,
स्वीकार करो मेरा अभिनन्दन।।
अंकुर सिंह
जौनपुर, उ.प्र.-222129.
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