कविता: पछतावा

Poetry regrets कविता- पछतावा  अब पछताने से क्या फायदा, जब आग तूने खुद लगाई थी? अब आँसू बहाने से क्या फायदा, जब खुशियों की कद्र न की थी?  किस्मत ने दो पल दिए थे साथ जीने के, पर तूने ही उन्हें रेत की तरह फिसला दिया, अब उन लम्हों को याद करके रोने से क्या फायदा?


कविता- पछतावा

अब पछताने से क्या फायदा,
जब आग तूने खुद लगाई थी?
अब आँसू बहाने से क्या फायदा,
जब खुशियों की कद्र न की थी?

किस्मत ने दो पल दिए थे साथ जीने के,
पर तूने ही उन्हें रेत की तरह फिसला दिया,
अब उन लम्हों को याद करके रोने से क्या फायदा?

बीता वक्त लौटकर नहीं आता,
जो साथ छोड़ा, वो अब लौटेगा नहीं,
अब उसकी याद में तड़पने से क्या फायदा?

जो आँसू तेरे लिए बहे, उन्हें पानी समझा,
अब इन आँखों में समंदर खोजने से क्या फायदा?
जो चाहत की आग में जल चुके हैं,
उन बुझी चिंगारियों में लावा ढूँढने से क्या फायदा?

तेरी यादों में एक उम्र बिता दी हमने,
अब उस दूरी को मिटाने से क्या फायदा?

- नसु एंजेल, नागपुर महाराष्ट्र

वी.के. इण्टरप्राइजेज एण्ड फर्नीचर्स Manufacture Lamination Fiber Doors, Sagwan Door, Sheesham Door, Luxury Sofa Lamination Fiber Door Wooden Sagwan Door 9839987421 आशीष 9235734493 विष्णू 9918758266 अरुण उर्दू बाजार, शाहगंज रोड, जौनपुर धन्नूपुर कॉलोनी, किड्‌ज़ी स्कूल के बगल में, शाहगंज रोड, जौनपुर
Ads

नेहा पॉवर टूल्स | पावर टूल्स, ऐग्री टूल्स एवं स्पेयर पार्ट्स के थोक विक्रेता एवं मरम्मतकर्ता | गौरव 9554248814, अनुप 9696478784 | प्रो. मुन्ना लाल प्रजापति  |  पता- अहियापुर, जौनपुर (उ.प्र.)
Ads

एक टिप्पणी भेजें

0 टिप्पणियाँ