सुईथाकला। गांधी स्मारक पीजी कॉलेज समोधपुर में शनिवार को विद्यालय संकुल के प्रबंधक हृदय प्रसाद सिंह रानू के संरक्षकत्व में गीता जन्मोत्सव पर एक गोष्ठी आयोजित हुई।प्राचार्य प्रो. डॉ. रणजीत पांडेय ने वीर बहादुर सिंह पूर्वांचल विश्वविद्यालय जनसंचार विषय के गोल्ड मेडलिस्ट रामनरेश प्रजापति को अंग वस्त्रम व श्रीमद्भगवत गीता की पुस्तक भेंट करके स्वागत किया। पत्रकारिता के क्षेत्र में निरंतर प्रगति करने के लिए हार्दिक बधाई एवं शुभकामनाएं दीं। उन्होंने कहा कि इसी विद्यालय के पूर्व छात्र के राज्यपाल से स्वर्ण पदक मिलने से विद्यालय परिवार का गौरव प्रदेश स्तर पर बढ़ा है। गोष्ठी को संबोधित करते हुए प्राचार्य प्रो. पांडेय ने कहा कि कर्तव्य पथ से विचलित अर्जुन को कुरुक्षेत्र के मैदान में दिया गया उपदेश संक्षेप में गीता नाम से विश्व विख्यात है। उन्होंने कहा कि मानव मात्र की इस अमूल्य धरोहर की महिमा का बखान विश्व के दिग्गज दार्शनिकों, वैज्ञानिकों और विद्वानों ने मुक्त कंठ से किया है। प्राचार्य ने गीता को मानव का जीवन -दर्शन बताया। उन्होंने बताया कि गीता मनुष्य के जीवन के मूल उद्देश्य मोक्ष का मार्ग प्रशस्त करती है।
गीता मनुष्य के कर्तव्य का बोध कराती है।यह भारत के सनातन धर्म और वैदिक परंपरा की पोषक है।गीता की लोकप्रियता विदेश में भी जग जाहिर है।यह संपूर्ण विश्व के लिए सर्वोत्तम उपहार है। डॉ. प्रदीप दुबे ने कहा कि गीता मनुष्य की मित्र, बंधु और मार्गदर्शक भी है। इसमें मानव जीवन के समस्त मूल्य समाहित हैं। उन्होंने नियमित रूप से गीता के अध्ययन एवं शिक्षाओं को आत्मसात करने के लिए छात्र-छात्राओं से आह्वान किया। मुख्य अनुशास्ता डॉ. अविनाश वर्मा ने गीता को विश्व का अनुपम ग्रंथ बताया। कार्यक्रम का संचालन एवं धन्यवाद ज्ञापन कार्यक्रम संयोजक डॉ. अवधेश मिश्र ने किया। प्राचार्य ने शिक्षकों और छात्र-छात्राओं को भी गीता की पुस्तकें भेंट की। छात्र-छात्राओं ने भी अपने विचार प्रकट किये। इस अवसर पर डॉ.पंकज सिंह, डॉ. संदीप सिंह, डॉ. लक्ष्मण सिंह, डॉ. इंद्र बहादुर सिंह, डॉ. रत्नेश प्रजापति, डॉ. वंदना तिवारी, डॉ. नीलू सिंह आदि उपस्थित रहे।
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