रामनरेश प्रजापति
शाहगंज। राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की 154 वीं जयंती श्री गांधी स्मारक इंटर कॉलेज समोधपुर में छात्र-छात्राओं ने बड़े ही धूमधाम व हर्षोल्लास के साथ मनाई। बच्चों ने विविध कार्यक्रम की शानदार प्रस्तुति दी। जयंती कार्यक्रम का शुभारंभ गांधी जी की प्रिय भजन "रघुपति राघव राजा राम" गायन- अनुगायन से हुआ।गांधी जयंती पर विविध कार्यक्रमों से लोगों में देश- भक्ति,अध्यात्म व लौकिक आनंद के अद्भुत समन्वय की सुखद अनुभूति हुई। छात्र-छात्राओं के सांस्कृतिक कार्यक्रमों की शानदार प्रस्तुति ने समां बांध दिया।संगीत शिक्षक प्रेमनाथ सिंह चंदेल के निर्देशन व मार्गदर्शन में छात्राओं ने गीत- संगीत व नृत्य प्रस्तुत किये जो विशेष रूप से शास्त्रीय संगीत पर आधारित थे। छात्राओं द्वारा प्रस्तुत की गई एकांकी डांडी यात्रा ने उपस्थित दर्शकों व श्रोताओं के मन मस्तिष्क में देशवासियों पर ब्रिटिश सरकार द्वारा किए गए अन्याय, अत्याचार और उत्पीड़न की याददाश्त को फिर से ताजा कर दिया।छात्रों ने हिंदी, संस्कृत और अंग्रेजी में भाषण प्रस्तुत किये जिसमें संस्कृत में दिया गया भाषण चर्चा का विषय बना रहा जो भारत की प्राचीनतम भाषा संस्कृत की तरफ देशवासियों को फिर से वापस लौटने की तरफ संकेत किया। गांधी जी की प्रतिमा पर माल्यार्पण करते हुए प्रधानाचार्य डॉ.अजेय प्रताप सिंह ने श्रद्धा सुमन अर्पित करते हुए राष्ट्रपिता के योगदान को याद किया। प्रधानाचार्य ने कहा कि महात्मा गांधी द्वारा स्थापित सत्य- अहिंसा और विश्व बंधुत्व के आदर्श व विचारधारा को आत्मसात करने से ही देश में राम -राज्य आ सकता है।उन्होंने कहा कि गांधी जी के अहिंसा के मार्ग को अपनाकर पूरा विश्व शांति के माहौल में रहकर वैश्विक- नैतिक क्षति से बच सकता है।भौतिकी प्रवक्ता धर्मदेव शर्मा ने कहा कि गांधी जी ने अस्पृश्यता और स्वच्छता के संबंध में कई अभियान चलाया जो पूर्णतः सफल रहा ।उनके स्वतंत्रता आंदोलन के अतिरिक्त कई आयाम थे। मसलन,शिक्षा के क्षेत्र में, धार्मिक दृष्टिकोण व स्वच्छता के संबंध में गांधी जी के विचार आदि। गांधी जी की हिंदू धर्म में अटूट आस्था थी, बजाए इसके वह हिंदू धर्म में व्याप्त रूढ़ियों का विरोध करते थे। वह सर्व धर्म समभाव वाले महापुरुष थे।
''मोर पखा सिर ऊपर राखिहौं" नृत्य आकर्षण का केंद्र बना। जिससे प्रभावित होकर दर्शक राधा -कृष्ण के बीच वास्तविक और अलौकिक प्रेम संबंध के भाव में डूब गए।इस अवसर पर भाषण, कव्वाली, राष्ट्रीय गीत, भजन, नृत्य ,एकांकी ,नाटक, हास्य नाटक आदि कार्यक्रम प्रस्तुत किए गए।दहेज प्रथा पर आधारित एकांकी ने बेटियों पर होने वाले उत्पीड़न से उत्पन्न होने वाले सामाजिक दुष्परिणाम की तरफ ध्यान इंगित किया। छात्राओं ने एकांकी के माध्यम से अनपढ़ नेताओं से समाज और लोकतंत्र पर पड़ने वाले दुष्प्रभाव की तरफ ध्यान आकृष्ट कराया, संदेश दिया कि अपने जनप्रतिनिधि को चुनते समय शिक्षित और बेदाग छवि के उम्मीदवार को ही नेतृत्व की बागडोर सौंपनी चाहिए।संचालन अंग्रेजी प्रवक्ता विनय त्रिपाठी ने किया।मौके पर पूर्व प्रधानाचार्य विनोद सिंह ,संतोष कुमार सिंह, अजय कुमार सिंह, नरसिंह बहादुर सिंह (प्रांतीय उपाध्यक्ष उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षक संघ) ,संतोष कुमार ,मनीष कुमार,डॉ. शोभनाथ यादव ,पुष्पेंद्र बहादुर सिंह, राकेश सिंह ,शिवानी सिंह, नवीन सिंह, राम बख़्श सिंह, प्रगति सिंह, सुरेश कुमार उपाध्याय ,दिनेश कुमार सिंह, प्रीति बरनवाल, जितेंद्र बहादुर सिंह (बबलू ), मुरलीधर सिंह आदि उपस्थित रहे।
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