- बाल विवाह को रोकना हर नागरिक की जिम्मेदारी: डॉ. रणंजय सिंह
- बाल विवाह को रोकने के लिए जागरूकता कार्यक्रम का हुआ आयोजन
रामनरेश प्रजापति
सुइथाकला। विकासखंड क्षेत्र अंतर्गत प्राथमिक विद्यालय मयारी में बाल विवाह को रोकने के लिए जागरूकता कार्यक्रम सोमवार को आयोजित किया गया। थाने के उप निरीक्षक प्रेम शंकर सिंह व प्रधानाध्यापक तथा शिक्षक संघ के ब्लॉक अध्यक्ष डॉ. रणंजय सिंह ने छात्र-छात्राओं को बाल विवाह रोकने के लिए शपथ दिलाई। बाल विवाह को एक सामाजिक अभिशाप मानते हुए छात्र-छात्राओं ने लोगों को जागरूक करने का दृढ़ संकल्प लिया।मुख्य वक्ता के तौर पर बोलते हुए उप निरीक्षक ने कहा कि बचपन में ही कम उम्र में विवाह मनुष्य के बहुमुखी विकास में बाधक है।
उन्होंने बताया कि शारीरिक और बौद्धिक विकास न होने की वजह से जीवन के प्रति ठोस निर्णय लेने की क्षमता नहीं होती जिससे वह अपने जीवन में सर्वांगीण विकास नहीं कर पाता। प्रधानाध्यापक ने कहा कि बाल विवाह को हर हाल में रोकना चाहिए यह केवल सरकार और प्रशासन की समस्या नहीं है बल्कि हर आम नागरिक तथा हर माता-पिता और अभिभावक की जिम्मेदारी है।
उन्होंने बताया कि जीवन में निर्धारित लक्ष्य की प्राप्ति के लिए बाल विवाह सबसे बड़ी बाधा है। अपने वक्तव्य में उन्होंने कहा कि कम उम्र में ही विवाह होने से शारीरिक और मानसिक रूप से पूर्णतया विकास नहीं हो पाता है जिससे शरीर तथा मानसिक रूप से विकलांगता की समस्या उत्पन्न हो सकती है। उन्होंने बच्चों को शिक्षित करने पर बल दिया। इस अवसर पर महिला कांस्टेबल, चिन्मय विश्वास, सीमा यादव आदि शिक्षक उपस्थित रहे।
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