सुइथाकला, जौनपुर। राष्ट्रीय परीक्षा एजेंसी (एनटीए) द्वारा आयोजित राष्ट्रीय श्रेष्ठा परीक्षा 2025 में पिछले वर्षों की भांति इस वर्ष भी सुइथाकला विकासखंड क्षेत्र के बच्चों को सफलता मिली है। इस परीक्षा में उपलब्धि हासिल करके बच्चों ने सफलता की मिसाल कायम की है। इससे विद्यालय परिवार, अभिभावकों और क्षेत्र के अन्य छात्र-छात्राओं में खुशी का माहौल है। परिषदीय विद्यालयों के बच्चों की प्रतियोगी परीक्षाओं में बढ़-चढ़कर सफलता से अन्य प्रतियोगी छात्र-छात्राओं में होड़ सी मच गई है।
उक्त परीक्षा में विकासखंड क्षेत्र के कंपोजिट विद्यालय डीह असरफाबाद के 4, सुइथाकला के 2 व अशोकपुर कला के एक बच्चे को सफलता हासिल हुई है। इसमें कंपोजिट विद्यालय डीह असरफाबाद के खुशी, शुभम, अनमोल व आदर्श को क्रमशः 887, 891,1137 और 1267 ऑल इंडिया रैंक हासिल हुई है। इनके अलावा सुइथाकला के अंकुर भारती ने 405 व प्रीति ने 1750 और अशोकपुर कला के लकी ने 2138 वीं रैंक प्राप्त किया है। इस सफलता पर तीनों विद्यालयों के प्रधानाध्यापकों दुष्यंत मिश्र, पारसनाथ यादव व सतीश सिंह समेत शिक्षकों और अभिभावकों को बीएसए डॉ. गोरखनाथ पटेल ने इस उपलब्धि पर बधाई दी है।
उन्होंने कहा कि परिषदीय विद्यालय के बच्चे प्रतियोगी परीक्षाओं में भारी संख्या में सफल हो रहे हैं जो शिक्षकों के पठन-पाठन की गुणवत्ता का प्रमाण है। उन्होंने इसे अन्य विकासखंड क्षेत्र के विद्यालयों के लिए सफलता की मिसाल बताया। उन्होंने कहा कि अन्य विद्यालय के बच्चों को भी इससे प्रेरणा लेनी चाहिए और सफलता की तरफ अग्रसर होना चाहिए।
उन्होंने पूर्ण रूप से विश्वास जताया है कि आगामी परीक्षाओं में भी जनपद से अधिक से अधिक संख्या में छात्र-छात्राएं सफल होंगे। ब्लॉक प्रमुख प्रतिनिधि डॉ. उमेश चंद्र तिवारी, इंटर कॉलेज समोधपुर के अंग्रेजी प्रवक्ता विनय त्रिपाठी, सुरेश पांडेय, डॉ. राकेश चंद्र तिवारी व खंड शिक्षाधिकारी आनंद प्रकाश सिंह ने बच्चों के सफल होने पर खुशी जाहिर की है। उक्त लोगों ने कहा कि गांव में प्रतिभाओं की कमी नहीं है, बस केवल उन्हें एक सकारात्मक माहौल और दिशा देने की जरूरत है।
शिक्षक बच्चों के भविष्य को उज्जवल बनाने के लिए पूरी तन्मयता व ईमानदारी के साथ अपने कर्तव्यों का निर्वहन कर रहे हैं। प्रधान अरुण कुमार सिंह, अनिल दुबे, डॉ. रणंजय सिंह, सुधाकर सिंह, उमेश चंद्र यादव, डॉक्टर शाहिद खान आदि लोगों ने शुभकामनाएं दी हैं।
- क्या है राष्ट्रीय श्रेष्ठा परीक्षा
श्रेष्ठा योजना की शुरुआत भारत सरकार ने दिसंबर 2021 में की थी। सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्रालय ने इस योजना के तहत देश के प्रतिष्ठित निजी आवासीय विद्यालयों में अनुसूचित जाति के मेधावी छात्र-छात्राओं को शिक्षा का अवसर प्रदान किया है। योजना के अंतर्गत कक्षा 9 और 11 में प्रवेश के लिए छात्रों का चयन किया जाता है। चयनित बच्चों का प्रवेश कक्षा 9 में सीबीएसई बोर्ड के उच्च कोटि के निजी विद्यालयों में कक्षा 9 से 12 तक के लिए नि:शुल्क आवासीय शिक्षण व्यवस्था के साथ होता है। इसका उद्देश्य शिक्षा के क्षेत्र में अनुसूचित जाति की साक्षरता को बढ़ाना और उनके शैक्षणिक स्तर को ऊंचा उठाना है।
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