जौनपुर: शांति साधना आश्रम में श्री कृष्ण जन्माष्टमी पर भक्ति रस में रंगे श्रद्धालु


रामनरेश प्रजापति 
शाहगंज। तहसील क्षेत्र के शांति साधना आश्रम सारी जहांगीर पट्टी में  श्री कृष्ण जन्माष्टमी का  पावन पर्व अत्यंत धूमधाम, विशेष हर्षोल्लास उमंग एवं उत्साह के साथ मनाई गई। आश्रम में दूर-दूर से आए भक्तों श्रद्धालुओं एवं श्रोताओं के मन में भक्ति का  खुमार और  भक्ति रस का कभी न उतरने वाला रंग देर रात तक  चढ़ा रहा।

 श्री कृष्ण जन्मोत्सव के शुभ अवसर पर श्री कृष्ण की मटकी फोड़, श्री कृष्ण सुदामा चरित्र, भगवान शिव का बाल गोपाल श्री कृष्ण का दर्शन करने के लिए गोकुल जाना और डांडिया नृत्य आकर्षण का केंद्र रहा। आश्रम के महंत संत प्रकाश दास जी महाराज ने बताया कि श्री कृष्ण जन्माष्टमी भारतीय सनातन परंपरा का अभिन्न अंग है। उन्होंने अपने विचार प्रकट करते हुए कहा कि गोकुल के श्याम वास्तव में अजन्मा  और अविनाशी हैं। 

यद्यपि उनका  न जन्म होता है  और न ही उनकी मृत्यु होती है बल्कि वह हर युग में अवतार लेते हैं। श्रीमद् भागवत गीता और श्री रामचरितमानस में भगवान के अवतारों की पुष्टि हुई है। उन्होंने कहा कि समाज के हर जाति और धर्म के लोगों को जोड़ने में श्री कृष्ण जन्माष्टमी का महत्वपूर्ण योगदान है। भगवान श्री कृष्ण का  जीवन हर मानव जाति के लिए अनुकरणीय है। उन्होंने कहा कि यदि सुख-दुख में समान भाव से जीवन जीना है तो इसकी सिख के लिए भगवान श्री कृष्णा अनुपम उदाहरण हैं। 

संघर्षमय जीवन जीकर समूची मानव जाति के लिए मिसाल हैं। श्री कृष्ण सुदामा चरित्र की प्रस्तुति ने लोगों के  मन को मोह लिया। शानदार प्रस्तुति देखकर उपस्थित श्रोता और भक्तगण अत्यंत भाव विभोर हो उठे मानो मंच की झांकी वास्तविक परिदृश्य के रूप में सामने उपस्थित हो गई हो। डांडिया नृत्य और श्री कृष्ण की मटकी फोड़ की सुंदर प्रस्तुति ने लोगों को परमानंद की पराकाष्ठा तक पहुंचा दिया जिससे लोगों को आध्यात्मिक आनंद की अनुभूति करते देखा गया।

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