जौनपुर। लखीमपुर खीरी में घटित, घटना अत्यन्त दुर्भाग्यपूर्ण है जिसमें कुछ किसानों, आमजन तथा निर्दोष पत्रकार रमन कश्यप को अपनी जान गंवानी पड़ी। किसानों ने तो सरकार पर दवाब बना मृत किसानों हेतु 45 लाख मुआवजा तथा परिवार के एक सदस्य को नौकरी एवं घायल किसानों हेतु 10 लाख का मुआवजा हासिल करवा लिया परंतु घटना में मृत निर्दोष पत्रकार रमन कश्यप जो उस समय निष्पक्ष पत्रकारिता हेतु उपस्थित थे एवं आक्रोशित भीड़ द्वारा की गई हिंसा का शिकार हुए, उनके लिए सरकार ने किसी भी प्रकार के मुआवजे की घोषणा नहीं की।
यह कैसी दोहरी नीति है? उक्त बातें मनीष श्रीवास्तव प्रान्तीय महासचिव विद्युत कार्यालय सहायक संघ ने प्रेस को जारी विज्ञप्ति के माध्यम से कही। उन्होंने आगे कहा कि एक निर्दोष पत्रकार जो अपने कर्तव्यों के निर्वाहन हेतु घटनास्थल पर उपस्थित था, उनके परिजनों का सरकार को तनिक भी ख्याल नहीं।
किसान तो अपनी मांगों के समर्थन में आंदोलनरत थे किन्तु अपने दायित्वों का निष्ठापूर्वक निर्वहन करते हुए अपनी जान गंवाने वाले निर्भीक पत्रकार रमन कश्यप वास्तव में शहीद हैं। श्री श्रीवास्तव ने कहा कि मैं प्रदेश सरकार से मांग करता हूँ कि निर्भीक पत्रकारिता करते हुए लखीमपुर काण्ड में अपनी जान गंवाने वाले पत्रकार रमन कश्यप के परिजनों को 1 करोड़ रुपये मुआवजा एवं परिवार के एक सदस्य को सरकारी नौकरी दी जाय जिससे अपने दायित्वों का निर्वहन करते हुए शहीद पत्रकार रमन कश्यप का परिवार जीवन यापन कर सके।
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